लिंग (Ling in Hindi) हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। लिंग को अंग्रेजी भाषा में जेंडर (Gender) कहा जाता है। लिंग संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है “चिन्ह” या “निशान” संज्ञा के जिस रूप में यह पता चले कि वह पुरुष जाती का है या स्त्री जाती का उसे लिंग कहते हैं। दूसरे शब्दों में “शब्द की जाती को लिंग कहते है”।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (लोक सेवा आयोग, पटवारी, शिक्षक भर्ती इत्यादि) में लिंग की परिभाषा, प्रकार, और उदाहरण पर आधारित 2-3 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न जरुर पूछे जाते हैं। चलिए, हम लिंग की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण को विस्तार से समझते है।
लिंग की परिभाषा (Ling in Hindi) और भेद
शब्द के जिस रूप में यह पता चले कि वह पुरुष जाती का है या स्त्री जाती की, उसे लिंग कहते है। यानी अगर स्त्री और पुरुष का बोध कराते हो, उन्हें लिंग कहा जाता है। लिंग हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिससे शब्दों की पहचान और भाषा का संरचना मानवीय समाज में संभव होती है।
पुरुष जाति – लड़का, कुत्ता, पंखा, बैल, पिता, भाई, मोहन, बकरा आदि।
स्त्री जाति – लड़की, बकरी, गाय, खिड़की, शेरनी , घोड़ी आदि, हथनी, कुतिया आदि।
लिंग के भेद (Ling in Hindi) और उदाहरण
इस लेख में हम सिर्फ हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक लिंग (Ling in Hindi) को जानेंगे। हिंदी व्याकरण में लिंग के दो प्रकार होते हैं लेकिन वही संस्कृत भाषा में लिंग के तीन प्रकार पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसक लिंग होते है और अंग्रेजी भाषा में लिंग के चार प्रकार पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसक लिंग और उभयलिंग होते हैं। इस लेख में हमने सिर्फ हिंदी भाषा के लिंग को समझाया है।
संकृत में लिंग के तीन प्रकार पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसक लिंग और अंग्रेजी में लिंग के चार प्रकार पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसक लिंग, उभयलिंग है।
पुल्लिंग (Masculine Gender)
पुल्लिंग (Masculine Gender) की परिभाषा – शब्द के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे – आदमी, नौकर, शेर, बंदर ताला, चाचा, पर्वत, बूढ़ा, मामा, घोड़ा, कुत्ता, मंगलवार, मार्च, लोहा, आदि।
अपवाद : पृथ्वी, ईमली, जनवरी, मई, जुलाई, प्रथम, रात, संध्या आदि
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नियम 1 – पुल्लिंग (Masculine Gender) संबंधी नियम
दिन, महिना, ग्रह, देश, पर्वत, रत्न, धातु, शरीरके अवयवों, अनाज, पेड़ तथा द्रव्यों के नाम प्रायः पुल्लिंग होते हैं।
नाम | पुल्लिंग |
---|---|
दिन | सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार तथा रविवार। |
महीना | मार्च, अप्रैल, चैत्र आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, कार्तिक, मार्गशीष, पौष, वैशाख, ज्येष्ठ आदि (अपवाद: अंग्रेज़ी महीनों में जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई) |
ग्रह | शनि, चंद्र, ध्रुव, बृहस्पति, रवि, मंगल, सूर्य (अपवाद: पृथ्वी ) |
देश | भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन जापान, अमेरिका, भूटान, नेपाल, श्रीलंका। |
पर्वत | विंध्याचल, अरावली, सतपुड़ा, हिमालय। |
रत्न | पन्ना, हीरा, मूंगा, मोती, (अपवाद: मणि, चन्नी, लाडली) |
धातु | सोना, ताँबा, लोहा, पीतल (अपवाद: चाँदी स्त्रीलिंग) |
अनाज | अनाज – चावल, बाजरा, गेहूँ, मूंग (अपवाद: अरहर, ज्वार स्त्रीलिंग) |
शरीर | बाल, मुँह, कान, सिर, हाथ, पैर, नाख़ून, पाँव, मस्तक (अपवाद: आँख, नाक, जीभ, बाँह, कोहनी, कमर, नस, हड्डी, कलाई, खाल, स्त्रीलिंग) |
पेड़ | आम, अमरुद, पीपल (अपवाद: लीची, इमली, नाशपाती) |
नगर | रायपुर, बिलासपुर, कोलकाता, दिल्ली |
जल खण्ड | सरोवर, समुद्र महासागर |
स्थल खण्ड | भारत, पाताल, घर |
भू-मण्डल | आकाश |
नियम 2 – रूप या बनावट की दृष्टि से पुल्लिंग शब्द की पहचान
रूप या बनावट की दृष्टि से पुल्लिंग शब्दों की पहचान करना आसान होता है। यदि आप शब्द के प्रयोग, अंत, और उसके अर्थ पर ध्यान दें। नीचे कुछ सामान्य नियम और विशेषताएँ दी गई हैं।
- हिंदी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘आ’ प्रत्यय आता है।
- जैसे – आटा, माथा, गन्ना घड़ा, कपड़ा, घेरा, फेरा, झंडेवाला, टोपीवाला आदि।
- हिंदी के वे शब्द, जिनके अंत में ‘पा’ या ‘पन’ प्रत्यय लगता है।
- जैसे – बुढापा, रैंडपा, भोलापन, लड़कपन आदि।
- हिंदी के वे शब्द, जिनके अंत में कृदंत ‘आन’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – खानपान, मिलान, लगान आदि। (अपवाद – उड़ान, पहचान, मुस्कान आदि)।
- हिंदी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘आव’ या ‘आवा’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – बहाव, घुमाव, पडाव, बहकाव, डरावा, भुलावा आदि।
- हिंदी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘ना’ प्रत्यय लगाकर क्रियार्थक संज्ञाएँ बनती है।
- जैसे – लेना, देना, सोना, चलना, तैरना आदि।
- संस्कृत की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘त्व’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – व्यक्तित्व, कृतित्व, गुरूत्व, बहुत्व, मनुष्यत्व, पत्नीत्व, पुरुषत्व आदि।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत में ‘अ’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – कौशल, शैशव, वाद, वेद, मोह, दोष आदि। अपवाद स्वरूप जय (स्त्रीलिंगी), विनय (उभयलिंगी) होते हैं।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत में ‘ख’ या ‘ज’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – सुख, दुःख, मुख, जलज, सरोज, अनुज आदि।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत ‘त’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – गीत, गणित, आगत, स्वागत, चरित आदि।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत में ‘अन’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – साधन, बंधन, दान, वचन, चयन, पालन आदि। अपवादस्वरूप पवन (उभयलिंगी) होता है।
- संस्कृति की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘य’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – माधुर्य, सौंदर्य, धैर्य, शौर्य, कार्य आदि।
- संस्कृत के वे शब्द जिनके अंत में ‘त्र’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – शस्त्र, शास्त्र, पत्र, पात्र, नेत्र, चरित्र, क्षेत्र, चित्र आदि।
- वे शब्द, जिनके अंत में अरबी – फारसी का ‘दान’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – कमलदान, फुलदान, गुलाबदान आदि।
- वे शब्द जिनके अंत में अरबी – फारसी का ‘खाना’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – चिडियाखाना, डाकखाना, गाड़ीखाना आदि।
- जिन शब्दों के अंत में खाना, दान, वाला, एरा, आव, आ, पन, त्व आदि आता है, वे पुल्लिंग होते हैं।
- जैसे – दवाखाना, खानदान, फेरीवाला आदि।
- जिन शब्दों का अंत ‘अ’ से होता है, वे अधिकतर पुल्लिंग होते हैं।
- जैसे – शेर, फल, भवन, घर आदि।
- व्यवसायसूचक शब्दों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
- जैसे – राज्यपाल, सैनिक, दुकानदार, व्यापारी, शिक्षक, नाटककार, कथाकार, डॉक्टर आदि।
स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
स्त्रीलिंग (Feminine Gender) की परिभाषा – शब्द के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की स्त्रीजाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।
उदाहरण – बुढ़िया, नौकरानी, घास, छात्रा, चाची, खिड़की, देवनागरी, पुस्तक, दया, मिर्च, आदि।
नियम 1 – स्त्रीलिंग (Feminine Gender) संबंधी नियम
स्त्रीलिंग शब्दों को पहचानना बहुत ही आसान है। नदी, लिपि, तिथि, बोली, भाषा, तथा नक्षत्र के नाम प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं।
नाम | स्त्रीलिंग |
---|---|
नदी | गंगा, यमुना, महानदी, शिवनाथ ,नर्मदा, कृष्णा |
लिपि | देवनागरी, गुरुमुखी, रोमन |
तिथि | एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, प्रथमा, चतुर्थी |
बोलि | छत्तीसगढ़ी, पंजाबी, ब्रज, खड़ीबोली, बुन्देली |
भाषा | हिंदी, इंग्लिश, तमिल |
नक्षत्र | अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा |
दुकान | मिर्च, हल्दी, सरसों (अपवाद- धनिया, जीरा, नमक, कपूर, केसर, आलू) |
पुस्तक | कुरान, रामायण, गीता, रामचरितमानस, बाइबल, महाभारत |
मसाला | मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, दालचीनी, लौंग, हल्दी, सौंफ, चाय |
आहार | कचौरी, पूरी, रोटी, सब्जी, दाल, पकोड़ी |
समूह संज्ञाएँ | सेना, सभा, भीड़, कमेटी, कक्षा |
नियम 2 – रूप या बनावट की दृष्टि से स्त्रीलिंग शब्द की पहचान
रूप या बनावट की दृष्टि से स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान के लिए कुछ सामान्य नियम और विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। ये नियम शब्दों के अंत, अर्थ, और वाक्य में उनके प्रयोग पर आधारित हैं।
- संस्कृत की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘ति’ या ‘नि’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – रीति, प्रीति, तृप्ति, जाति, शक्ति, गति, हानि, ग्लानि, बुद्धि, सिद्धि आदि।
- संस्कृत के वे शब्द जिनके अंत में ‘या’ तथा ‘सा’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – विद्या, क्रिया, मीमांसा, पिपासा आदि।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत में तद्वित प्रत्यय ‘इमा’ होता है।
- जैसे – कालिमा, लालिमा, महिमा, गरिमा आदि।
- संस्कृत की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘आ’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – माया, दया, शोभा, शिक्षा, पूजा, कृपा, क्षमा आदि।
- संस्कृत के वे शब्द, जिनके अंत में ‘ता’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – लघुता, प्रभुता, नम्रता, एकता, दरिद्रता, गंभीरता, सुंदरता, योग्यता, प्रभुता आदि।
- संस्कृत की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘अना’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – वेदना, वंदना, सूचना, कल्पना, सांत्वना, प्रस्तावना, घटना, रचना आदि।
- हिंदी के बहुधा ईकारांत शब्द, अर्थात् जिनके अंत में ‘ई’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – रोटी, टोपी, गली, चिंटी, नदी, उदासी आदि। अपवादस्वरूप पानी, घी, दही, मोती आदि शब्द पुल्लिंग होते हैं।
- हिंदी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘इया’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – डिबिया, पुडिया, लुटिया, खटिया आदि।
- हिंदी की धातुओं में ‘अन’ प्रत्यय लगकर बनी संज्ञाएँ इस प्रकार हैं।
- जैसे – रहन, सहन, पहचान, जलन, उलझन आदि।
- हिंदी की ‘आई’ प्रत्यय वाली संज्ञाएँ इस प्रकार हैं।
- जैसे – लिखाई, ऊँचाई, सिलाई, बनवाई, लंबाई आदि।
- अरबी – फारसी के वे शब्द, जिनके अंत में ‘श’ होता है।
- जैसे – तलाश, मालिश, कोशिश आदि।
- अरबी – फारसी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘त’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – कीमत, मुलाकात, दौलत, नफरत आदि।
- अरबी – फारसी की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में, ‘आ’ तथा ‘ह’ प्रत्यय आता है।
- जैसे – सजा, दवा, सलाह, राह, आह, सुबह आदि।
- संस्कृत की वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘इ’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – निधि, विधि, अग्नि, कृषि, रूचि, छवि आदि। ( अपवाद-गिरि, बलि, जलधि, पाणि आदि संज्ञाएँ )।
- हिंदी की प्राय: वे संज्ञाएँ, जिनके अंत में ‘ख’ प्रत्यय होता है।
- जैसे – ईख, चीख, कोख, भूख, मेख, आँख आदि। अपवाद स्वरूप रूख, पाख आदि शब्द पुल्लिंग में आते हैं।
- अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं।
- जैसे – उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, वास, साँस, नानी, बेटी, मामी, रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, भाभी आदि।
- जिन शब्दों के अंत में आवट, आहट, ता, आई, इया, नी, इमा, री, आस आदि आता है वे स्त्रीलिंग होते हैं।
- जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ख, ट, वट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं।
- जैसे – मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, , आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, कडवाहट, आहट, बनावट, शत्रुता, ठकुरानी, राजस्थानी कोख, लाख, देखरेख, झंझट आदि।
वाक्य के आधार पर स्त्रीलिंग के उदाहरण
अभ्यास हेतु स्त्रीलिंग के कुछ वाक्य दिए गए हैं और इन वाक्यों की पहचान कर बताना है की यह कौन सा लिंग है।
स्त्रीलिंग | वाक्य |
---|---|
कब्र | कब्र खोदी जा चुकी है। |
उम्र | तुम्हारी उम्र लंबी है। |
धूप | धूप निकल गई है। |
सजा | उसे दो साल की सजा हुई है |
आँख | उनकी आँख बहुत छोटी-छोटी हैं। |
भीड़ | वहाँ पर भीड़ लग रही थी। |
बर्फ | बर्फ गिर चुकी है। |
शराब | शराब बहुत महंगी है। |
बूंद | पानी की बुँदे गिर रही हैं। |
कसम | मैंने उनकी कसम खायी है। |
कलम | कलम टूट चुकी है। |
गर्दन | मेरी गर्दन फंस गई है। |
चील | चील आकाश में उड़ रही है। |
छत | छत टूट चुकी है। |
जीभ | जीभ कटी नहीं है। |
टाँग | मेरी टाँग टूटने से बच गई है। |
आग | घर में आग लग गई। |
इच्छा | मेरी इच्छा सोने की हैं। |
ईट | ईंट बिलकुल पक चुकी है। |
किताब | किताब बहुत पुरानी है। |
दीवार | दीवार गिर चुकी है। |
क्रिया-विशेषण के आधार पर लिंग की पहचान
प्राणी समूह में लिंग की पहचान करना आसान है परंतु निर्जीव या अप्राणी वर्ग में लिंग पहचान के लिए उनके व्यवहार के आधार पर उन्हें पुल्लिंग व स्त्रीलिंग माना गया है। यद्यपि इस प्रकार के शब्दों का लिंग जानने के लिए उन शब्दों के साथ वाक्यों में जो क्रिया हो रही है या उनके विशेषणों पर ध्यान दें तो हम लिंग पहचान आसानी से कर सकते हैं।
- सूट नीला है। (सूट पुल्लिंग है।)
- साड़ी पीली है। (साड़ी स्त्रीलिंग है।)
उपर्युक्त दोनों उदाहरणों में विशेषण के आधार पर संज्ञा की लिंग पहचान हो रही है।
- जहाज़ चल चुका है। (जहाज़ पुल्लिंग है।)
- कार जा रही है। (कार स्त्रीलिंग है।)
उपर्युक्त दोनों उदाहरणों में क्रिया से संज्ञा की लिंग पहचान हो रही है।
इसे भी पढ़े – विशेषण किसे कहते हैं? भेद और उदाहरण
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
कुछ शब्दों के अंत और शुरुआत में अन्य शब्द जोड़कर लिंग (Ling in Hindi) में परिवर्तन किया जाता है जिसे उदाहरण सहित निचे तालिका में बताया गया है।
(1). अ, आ पुल्लिंग शब्दों को जब ‘ई’ कर दिया जाता है, तो वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
गधा | गधी |
देव | देवी |
नर | नारी |
नाला | नाली |
मोटा | मोटी |
पुत्र | पुत्री |
रस्सा | रस्सी |
तरुण | तरुणी |
कबूतर | कबूतरी |
बीटा | बेटी |
नाना | नानी |
डाल | डाली |
हिरन | हिरनी |
(2). ‘आनी’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग + प्रत्यय | स्त्रीलिंग |
---|---|
नौकर + आनी | नौकरानी |
जेठ + आनी | जेठानी |
ठाकुर + आनी | ठाकुरानी |
सेठ + आनी | सेठानी |
देवर +आनी | देवरानी |
चौधरी + आनी | चौधरानी |
इंद्र + आनी | इन्द्राणी |
(3). आ’ को ‘इया’ बनाकर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
बुढ़ा | बुढ़िया |
डिब्बा | डिबिया |
गुड्डा | गुड़िया |
खाट | खटिया |
चूहा | चुहिया |
(4). अंत में ‘नी’ लगाकर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
सिंह | सिंहनी |
चोर | चोरनी |
भील | भीलनी |
शेर | शेरनी |
हाथी | हथिनी |
सियार | सियारनी |
(5). अंत में ‘इन’ जोडकर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग + इन | स्त्रीलिंग |
---|---|
साँप + इन | सांपिन |
लुहार + इन | लुहारिन |
सुनार + इन | सुनारिन |
कुम्हार + इन | कुम्हारिन |
दर्जी + इन | दर्जिन |
नाती + इन | नातिन |
(6). वान’ को ‘वती’ बनाकर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
सत्यवान | सत्यवती |
पुत्रवान | पुत्रवती |
गुणवान | गुणवती |
भगवान | भगवती |
भाग्यवान | भाग्यवती |
बलवान | बलवती |
(7). संस्कृत के पुल्लिंग शब्दों वान और मान को क्रमशः वती और मती में बदल दिया जाता है, तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
आयुष्मान | आयुष्मती |
श्रीमान | श्रीमती |
भाग्यवान | भाग्यवती |
बुद्धिमान | बुद्धिमती |
पुत्रवान | पुत्रवती |
(8). ‘मादा’ और ‘नर’ जोड़कर स्त्रीलिंग में परिवर्तन
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
कोयल | मादा कोयल |
भालू | मादा भालू |
चीता | मादा चीता |
नर गिलहरी | गिलहरी |
नर तितली | तितली |
(9). संस्कृत के अकारांत शब्दों में आ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं।
पुल्लिंग + आ | स्त्रीलिंग |
---|---|
प्रिय + आ | प्रिया |
सुत + आ | सुता |
आत्मज + आ | आत्मजा |
चंचल + आ | चंचला |
समान शब्द (स्त्री और पुल्लिंग समान)
हिंदी भाषा में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों के लिए समान रूप से प्रयोग किए जाते हैं। इन शब्दों के लिंग का निर्धारण उनके वाक्य में प्रयोग, विशेषण, और क्रिया के आधार पर किया जाता है। यहाँ हम प्रतियोगी परीक्षाओं में बार बार पूछे जाने वाले शब्दों को निचे बताया है
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|---|---|
विद्यार्थी | विद्यार्थी | लेखक | लेखक |
सैनिक | सैनिक | खिलाड़ी | खिलाड़ी |
नेता | नेता | दूत | दूत |
चिकित्सक | चिकित्सक | कलाकार | कलाकार |
गुरु | गुरु | शिक्षक | शिक्षक |
अधिवक्ता | अधिवक्ता | भक्त | भक्त |
सहपाठी | सहपाठी | गरीब | गरीब |
मित्र | मित्र | अमीर | अमीर |
गायक | गायक | शोधकर्ता | शोधकर्ता |
वैज्ञानिक | वैज्ञानिक | पत्रकार | पत्रकार |
उपदेशक | उपदेशक | कलाकार | कलाकार |
परोपकारी | परोपकारी | साहसी | साहसी |
ज्ञानी | ज्ञानी | क्रूर | क्रूर |
दयालु | दयालु | मार्गदर्शक | मार्गदर्शक |
मेहनती | मेहनती | गरीब | गरीब |
सुंदर | सुंदर | सेवक | सेवक |
वाक्य के अनुसार लिंग की पहचान
- विद्यार्थी
- वह विद्यार्थी पढ़ रहा है। (पुल्लिंग)
- वह विद्यार्थी पढ़ रही है। (स्त्रीलिंग)
- नेता
- हमारे देश के नेता ईमानदार हैं। (पुल्लिंग)
- वह महिला नेता कुशल प्रशासक हैं। (स्त्रीलिंग)
- चिकित्सक
- वह एक अनुभवी चिकित्सक हैं। (पुल्लिंग/स्त्रीलिंग)
- कलाकार
- वह महान कलाकार हैं। (पुल्लिंग/स्त्रीलिंग)
- सैनिक
- वह सैनिक बहादुर है। (पुल्लिंग/स्त्रीलिंग)
यह सूची अक्सर परीक्षाओं के लिए उपयोगी होती है। आप और अधिक शब्दों का अभ्यास कर सकते हैं।
जानवरों के नाम पुल्लिंग से स्त्रीलिंग
जानवरों के नाम के लिंग बदलने के लिए कुछ सामान्य उदाहरण नीचे दिए गए हैं। यहाँ से सीधे प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है साथ ही भाषा ज्ञान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
घोड़ा | घोड़ी |
मोर | मोरनी |
ऊंट | ऊंटनी |
मुर्गा | मुर्गी |
नाग | नागिन |
शेर | शेरनी |
कबूतर | कबूतरी |
भील | भीलनी |
बकरा | बकरी |
हाथी | हथिनी |
बंदर | बंदरिया |
कुत्ता | कुतिया |
चूहा | चुहिया |
बैल | गाय |
सांप | सांपिन |
बाघ | बाघिन |
हिरण | हिरणी |
सिंह | सिंहनी |
भालू | भालिनी |
गधा | गधी |
भेड़िया | भेड़िन |
खरगोश | खरगोशिन |
कुत्ता | कुतिया |
हाथी | हथिनी |
चीता | चीती |
महत्वपूर्ण शब्दों का लिंग (Ling in Hindi) परिवर्तन
लिंग हिंदी विषय का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। लिंग (Ling in Hindi) शब्दों का परिवर्तन लगभग हर परीक्षा में पूछा जाता है।
पुल्लिगं | स्त्रीलिंंग | पुल्लिगं | स्त्रीलिंंग |
---|---|---|---|
बूढ़ा | बूढ़ी | तेजस | तेजस्वी |
तनुज | तनुज | दाता | दात्री |
तार्किक | तर्किकि | श्रीमान | श्रीमती |
पहाड़ | पहाड़ी | लोभी | लोभिनि |
गोप | गोपी | डिब्बा | डिब्बी |
मामा | मामी | मुर्गा | मुर्गी |
बिलोता | बिल्ली | बाघ | बाघिन |
बंदर | बंदरिया | नर जिराफ | मादा जिराफ |
ब्राह्मण | ब्राह्मणी | चीता | मादा चिता |
पहलवान | मादा पहलवान | बलवान | बलवंती |
अभिनेता | अभिनेत्री | नाता | नाती |
बेटा | बेटी | गूंगा | गूंगी |
ऊंचा | ऊंची | ऊंट | ऊंटनी |
बहरा | बेहरी | काना | कानी |
मोटा | मोटी | चूहा | चुहिया |
सेठ | सेठानी | पत्र | पत्रिका |
मर्द | औरत | काला | काली |
दास | दासी | पाठक | पाठिका |
गुड्डा | गुड़िया | नेत्र | नेत्री |
तपस्वी | तपस्विनी | चालक | चालिका |
विधाता | विधत्री | भिक्षुक | भिक्षुका |
भाई | भाभी | भाई | भाभी |
नर विधार्थी | मादा विधार्थी | शेर | शेरनी |
ससुर | सास | स्वामी | स्वामिनी |
बाबू | बाबूआईन | छाता | छतरी |
राक्षस | राक्षसी | इंद्र | इंद्राणी |
पोता | पोती | राजा | रानी |
डॉक्टर | डॉक्टरनी | नाना | नानी |
नर नर्स | मादा नर्स | चाचा | चाची |
विदूषक | विदुषी | भाई | बहन |
विधुर | विधवा | बाल | बाला |
साधु | साध्वी | चंचल | चंचला |
माधव | माधवी | सबल | सबला |
दादा | दादी | कोठा | कोठी |
क्षत्रिय | क्षत्राणी | राजपूत | राजपूतानी |
नाटा | नाटी | कुम्हार | कुम्हारिन |
गायक | गायिका | कर्ता | करती |
प्रिय | प्रिया | कौआ | मादा कौआ |
गधा | गधी | देव | देवी |
पंडित | पंडितानी | देवता | देवती |
माली | मालिनी | सुत | सुता |
पूज्य | पूज्या | नीरज | नीरजा |
आत्मज | आत्मजा | वृद्ध | वृद्धा |
भैंसा | भैंस | अग्रज | अग्रजा |
चंद्र | चांदनी | बालक | बालिका |
श्याम | श्यामा | घोड़ा | घोड़ी |
अधिक पूछे जाने वाले सवाल
मच्छर का स्त्रीलिंग क्या होगा?
मच्छर शब्द का स्त्रीलिंग रूप सामान्यतः नहीं होता क्योंकि यह शब्द सामान्य रूप से पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होता है। हिंदी में कई ऐसे शब्द होते हैं जिनके स्त्रीलिंग रूप नहीं बनते। लेकिन संदर्भ या साहित्यिक प्रयोग में यदि स्त्रीलिंग रूप बनाना हो तो इसे “मच्छरी” कह सकते हैं, लेकिन यह प्रचलित नहीं है।
छात्र स्त्रीलिंग क्या होगा?
हिंदी व्याकरण में, अक्सर पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदलने के लिए अंत में ‘आ’ जोड़ा जाता है।
जैसे, शिक्षक – शिक्षिका इसी प्रकार छात्र का स्त्रीलिंग रूप छात्रा बनता है। यह रूप स्त्री को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है।
विद्यार्थी का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
“विद्यार्थी” एक उभयलिंगी शब्द है, जिसका उपयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से किया जाता है। हालांकि, अगर विशेष रूप से स्त्रीलिंग रूप व्यक्त करना हो, तो विद्यार्थिनी कहा जा सकता है।
- आखिरी अपडेट: 4 मिनट पहले
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