खेल पर निबंध | मेरा प्रिय खेल पर निबंध

खेल पर निबंध – हमारे देश में और पुरे विश्व में तरह-तरह के खेल खेले जाते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए ही नही हमारे मानसिक विकास के लिए भी बहुत उत्तरदायी होता है। खेल को बढ़ावा देने के लिए हमारे देश मुख्यता छह प्रकार के पुरस्कार भी दिए जाते है: जो की इस प्रकार है ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रोफी और रास्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार।

खेल पर निबंध | मेरा प्रिय खेल पर निबंध

खेल पर निबंध या मेरा प्रिय खेल पर निबंध विभिन्न कक्षाओं के परीक्षा में पूछे जाते हैं। खेल सामान्यत दो प्रकार से खेली जाती है। एक है इनडोर गेम और दूसरा है आउटडोर गेम।

  • इनडोर गेम – इनडोर खेल के अन्तर्गत टेबल टेनिस, चेस, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक, बास्केट बाल, वेट लिफ्टिंग, कुस्ती आदि खेल खेले आते हैं।
  • आउटडोर गेम – इस खेल में क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, हॉकी, भारतोलन, गोल्फ, कबड्डी, लॉन्ग जम्प, दौड़ आदि खेल आउटडोर गेम है जिसमे से क्रिकेट सबसे लोकप्रिय आउटडोर गेम है।

क्रिकेट

क्रिकेट इंडिया का सबसे लोकप्रिय खेल है जो आप इंडिया के बच्चे बच्चे को खेलते देख सकते है। और इंडिया का सबसे ज्यादा पैसा जनरेट करने वाला खेल है। अब हम चलते है इस खेल से जुड़े कुछ नियम की तरफ, इस खेल में लगभग 42 नियम है जो इस खेल को खेलने के बारे में जानकारी देता है। जो खिलाडी के मैदान में आने से लेकर आउट होने और खेल को जितने तक की जानकारी देता है| क्रिकेट की इस खेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक संस्था संगठित है जिसे ICC या इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल है।

अब हम चलते है थोड़ी सी अन्दर की जानकारी की ओर गेंद का वजन लगभग 155.9-163 ग्राम होना चाहिए और गेंद भी कई प्रकार के होते है जैसे Dukes, Kookaburra, SG, जो अलग अलग खेलो के लिए अलग अलग बल उपयोग किया जाता है।

पिच 22 यार्ड का होता है। क्रिकेट पिच भी तीन प्रकार की होती है: ग्रीन पिच, डस्की और डेड पिच, ग्रीन टॉप और डस्की पिच गेंदबाजो को गेंद करने में आसानी होती है जबकि डेड पिच पर रन ज्यादा बनता है। क्रिकेट के प्रकार क्रिकेट भी कई प्रकार के खेले जाते है जैसे एक दिवासीय क्रिकेट, टेस्ट क्रिकेट, विश्व कप, T 20, आदि।

क्रिकेट के अंदर बहुत से एसे महान खिलाडी हुए है जिसेके कारण इसको इतना लोक्प्र्यियता मिली है जैसे- हमारे भारत से ही ले लो कपिल देव जिन्होंने वर्ल्ड जिताए है, राहुल द्रविण एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, मिथाली राज आदि | कपिल देव और एमएस धोनी दो ऐसे महान ख़िलाड़ी हुए जो भारत को वर्ल्ड कप जिताया। अब हम चलते है भारत के महत्वपूर्ण क्रिकेट मैदान की ओर

  • नरेन्द्र मोदी स्टेडियम ये स्टेडियम गुजरात के अहमदाबाद शहर में है जो की मान्यताओ के अनुसार लगभग 800 करोड़ के लागत पर बना है।
  • नया रायपुर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम रायपुर छत्तीसगढ़ में है।
  • राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम हैदराबाद आदि।

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टेनिस

टेनिस खेल की सुरुवात फ्रांस से मानी जाती है, जिस प्रकार क्रिकेट के रुल होते है इसके भी रूल्स है, इसके कोर्ट कुछ प्रकार के होते है- सर्विस लाइन 21 फीट का होता है और एकल लाइन 39 फीट का होता है।

टेनिस खेलने के नियम और उसके स्कोर नियम

खेल मुख्य रूप से ये दो खिलाडी के बीच होता है गेंद को दुसरे खिलाडी की ओर एक टप्पा खिलाने के उद्देश्य से खेला जाता है। अगर दूसरा खिलाडी उसको वापस मारने में असफल होता है जो अंक गंवा बैठता है। एक बार इस तरह 15 अंक (प्वाइंट) मिलते हैं। 40 से अधिक अंक मिलने पर एक गेम जीता जाता है और 6 से अधिक गेम जीतने पर एक सेट। दो या तीन सेट पहले जीतने वाले खिलाडी को मैच विजेता मानते हैं।

टेनिस स्कोर के नियम – टेनिस खेल में पॉइंट की जाती है और ये पॉइंट मूलतः दो प्रकार के होते है:

  • सेट पॉइंट
  • मैच पॉइंट

इस खेल में 15 सेट पॉइंट होने पर एक मैच पॉइंट होता है इसी तरह 3० सेट पॉइंट होने से 2 मैच पॉइंट

टेनिस में प्रतियोगिता – ये मुख्यत चार प्रकार के होते है

  1. ऑस्ट्रेलिया ओपन
  2. फ्रेंच ओपन
  3. विम्बडन
  4. यूएस ओपन

टेनिस के कोर्ट भी 4 प्रकार के होते है और खेलने वाला गेम

  • हार्ड कोर्ट-RSI US OPEN और ऑस्ट्रेलिया ओपन
  • ग्रास कोर्ट- विम्बडन
  • मिटटी का खेल का मैदान- फ्रेंच ओपन
  • इंडोर कोर्ट- मैड्रिड ओपन और अन्य ATP टूर्नामेंट

अब हम चलते है टेनिस के हुआ महान खिलाडी की ओर

  1. रोजर फेडरर
  2. रफाएल नडाल
  3. नोवाक जोकोविच
  4. लियनडर पेस
  5. महेश भूपति
  6. सानिया मिर्झा

हॉकी

आप सब जानते है हॉकी भारत का नेशनल गेम है और इसकी लोकप्रियता भी काफी है इस खेल को खेलने के बहुत से नियम हुए है तो चलिए हॉकी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम के बारे में जानते है:

  • हॉकी का खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है जिसमे पुरुष व महिला दोनों ही वर्ग भाग ले सकते है। हर टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं।
  • और इन 11 खिलाड़ियों में से 1 कप्तान होता है।
  • यह खेल कुल 70 मिनट की अवधि का होता है जिसमें 35-35 मिनट के 2 राउंड खेले जाते हैं।
  • दोनों राउंड के बीच में 5 मिनट का समय रेस्ट के लिए होता है।
  • यह खेल हॉकी स्टिक से खेला जाता है जो सफेद रंग की होती है, इसी हॉकी स्टिक से बॉल मारते हुए विरोधी टीम के गोल पोस्ट में गोल दागना होता है।
  • हर एक टीम में एक गोलकीपर भी होता है जो गोल पोस्ट पर खड़ा होकर गोल रोकने की कोशिश करता है।
  • हॉकी में गेंद को हाथ से रोकना फाउल माना जाता है।
  • गोल रक्षक पैड, निक्कर, दस्ताने व मास्क का प्रयोग कर सकता है।
  • हॉकी स्टिक के बिना गेंद को लुढ़काना,फेकना,हवा में उछालना इस खेल में वर्जित है।
  • अगर गेंद गोलकीपर के पैड या किसी खिलाड़ी के कपड़े में अटक जाती है, तो उस स्थान से बुल्ली कराकर खेल दोबारा शुरू किया जाता है| बुल्ली गोल रेखा से 5 गज अंदर नहीं हो सकती।
  • अगर कोई खिलाड़ी आक्रामक होकर खेलता है तो रेफरी ऐसे खिलाड़ी को पहले चेतावनी देता है और अगर उसके बाद भी वो नियमों का उल्लंघन जारी रखता है तो उसे कुछ समय या पूरे समय के लिए खेल से निष्कासित कर दिया जाता है।

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हॉकी से जुड़े दिए जाने वाले पुरस्कार – ध्यानचंद पुरस्कार जो यह खेल का सर्वोत्तम पुरस्कार माना जाता है। इसके अंदर 5 लाख तक इनाम के रूप में दिए जाते है। यह पुरस्कार हॉकी से जुड़े महान खिलाडी मेजर ध्यानचंद के स्मृति में दिया जाता है जिसे हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। इसके नाम कई विश्व रिकॉर्ड है जिसे आज तक कोई नही तोड़ पाया है।

कुछ महतवपूर्ण हॉकी स्टेडियम – (1). सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम रायपुर, छत्तीसगढ़ (2). मेजर ध्यानचंद स्टेडियम नयी दिल्ली (3). बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम राउलकेला, ओडिशा।

भालाफेक (जेवलिन)

  • भाला को फेंकते समय उसको कंधे के ऊपर उठा कर फेंका जाता है।
  • भाले की लम्बाई 2.5 मीटर रखा जाता है।
  • आप भाला फेंकने से पहले भाला फेंकने वाली दिशा में पीठ नहीं करते।
  • अगर भाला फेंकते समय मैदान के छोर या सिरों पर बनी रेखा को खिलाड़ी के शरीर का कोई भी हिस्सा छू लेता है, तो इसे खेल का उल्लंघन माना जाता है।
  • इस खेल में सही थ्रो वो ही माना जाता है, जिसमें भाले का सिरा जमीन में घुस जाए या भाला जमीन पर खड़ा रहे।
  • खेल के दौरान खिलाड़ी को तीन बार भाला फेंकने का मौका दिया जाता है। जितना दुरी आप फेकेंगे उनमे से सर्वश्रेस्ट दुरी को मानी जाएगी।
  • अगर भाला फेंकते समय भाले का छोर टूट जाये या भाला खंडित हो जाये तो कोशिश बेकार मानी जाती है।

ध्यान ये भी दे की पुरुषो और महिलाओं के लिए भाले का वजन अलग-अलग होता है। पुरुष भाले का वजन 800 ग्राम तो महिला भाले का वजन 600 ग्राम तक का होता है।

  • भाला फेंकते समय आप हाथों के साथ पीछे वाले पैर को हल्का घुमाए, फिर पूरी ताकत के साथ भाला फेंके।
  • भाला फेंकने वाली दिशा में ही देखें।
  • जब तक भाला जमीन को ना छुए, तब तक मैदान के अंतिम छोर से बाहर ना जाएं।
  • भाला जमीन को छूने से पहले आप भाला फेंकी गई दिशा में मुंह न करे, नहीं तो फाउल माना जाएगा।
  • भाला फेंकने से पहले या जमीन को छूने से पहले, आपके शरीर का कोई हिस्सा बाउंड्री लाइन को न छुए, नहीं तो फाउल होगा।
  • भाला फेंकने के दौरान भाला जमीन के अंदर नहीं लगता या खड़ा नहीं रहता तो फाउल माना जाएगा।
  • भाले को थ्रो करने के बाद खुद पर नियंत्रण रखना जरूरी है, नहीं तो ये भी फाउल होगा।

भालाफेक के कुछ चर्चित खिलाड़ी – नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह, अन्नू रानी, जोहानिस वेटर, एंडरसन पीटर आदि। नीरज चोपड़ा 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता जिससे हरियाणा स्टेट सरकार प्रोत्साहन राशी के तौर पर उसे 6 करोड़ रुपये दिए।

दौड़ (Race)

दौड़ ज्यातातर 100 मीटर 200 मीटर और 400 मीटर की होती है इसके आलावा मैराथन भी होता है | हमारे इंडिया से एसे कई धावक खिलाडी हुआ जो दौड़ में महानता हासिल की। सबसे पहले हम बात करते है मिल्खा सिंह जी की मिल्खा सिंह 1958 में स्वतंत्र भारत से राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक विजेता बन गए। वह एकमात्र भारतीय पुरुष थे जिसने 56 साल तक व्यक्तिगत एथलेटिक्स राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद आती है हिमा दास – यह पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। जिन्होंने हर फॉर्मेट में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने International Association of Athletics Federations विश्व U20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकंड में यह उपलब्धि अपने नाम की। हिमा दास ने साल 2019 में पांच स्वर्ण पदक जीत चुकी है। इसे असम की ढिंग एक्सप्रेस भी कहा जाता है। इसके बाद आते है द ग्रेट एथिलिट ऑफ़ जमैका उसैन बोल्ट अंतर्राष्ट्रीय धावक जिन्होंने ओलंपिक में 8 स्वर्ण पदक जीते।

बॉक्सिंग

  • एप्रन का आकार हर तरफ रस्सियों की रेखा के बाहर 85 सेमी तक फैला होना चाहिए। इस प्रकार, पूरे मंच का आकार इस प्रकार 7.8 वर्ग मीटर हो जाता है 
  • रिंग की ऊंचाई जमीन से 1 मीटर होती है।
  • दो पर कोने के पैड लाल और नीले रंग के होने चाहिए, जबकि अन्य दो सफेद होने चाहिए। पैड का उद्देश्य मुक्केबाजों को किसी भी चोट से सुरक्षा प्रदान करना होता है।
  • फर्श की सतह 1.5 सेमी से 2.0 सेमी के बीच की मोटाई की होनी चाहिए और रबर, फेल्ट या किसी अन्य उपयुक्त सामग्री से बनी होनी चाहिए।
  • कैनवास नीला पैनटोन 299 होना चाहिए।

बॉक्सिंग में उपयोग की जाने वाले उपकरण – बॉक्सिंग आर्म ताकत के साथ खेला जाता है जिससे बिना कोई उपकरण के खेलना जान लेवा साबित हो सकता है इस कारण से बचाव के लिए उपयोगी उपकरण फना जाता है।

  • लाइट फ्लाईवेट (49 किग्रा) के लिए – लाइट वेल्टरवेट (64 किग्रा) श्रेणी।
  • दस्ताने का वजन लगभग 283.5 ग्राम होना चाहिए।
  • वेल्टरवेट (49 किग्रा) के लिए – सुपर हैवीवेट (64 किग्रा) श्रेणी।
  • दस्ताने का वजन 340 ग्राम होना चाहिए।

महिला, युवा लड़के और लड़कियों प्रतियोगी के लिए

  • दस्ताने का वजन 283.5 ग्राम होना चाहिए। मैच से पहले सभी मुक्केबाजों को गनशील्ड पहननी चाहिए।
  • गनशील्ड लाल रंग की नहीं होनी चाहिए।

जीत हार के नियम

  • प्रतिद्वंद्वी को विजेता घोषित किया जाता है यदि:
  • एक मुक्केबाज निर्धारित विश्राम अवधि के बाद बाउट को फिर से शुरू करने में विफल रहता है।
  • जब रेफरी की राय में एक मुक्केबाज को गंभीर प्रहार और भारी सजा से बाहर कर दिया जाता है।
  • एक मुक्केबाज आराम की अवधि के बाद बाउट को फिर से शुरू करने में असमर्थ/अनुपयुक्त है।
  • जब एक बॉक्सर 90 सेकंड के भीतर एक झटके से उबरने में असमर्थ होता है।
  • एक मुक्केबाज प्रतिद्वंद्वी के कानूनी मुक्के से मुक्का मारे जाने के बाद 30 सेकंड या 8 काउंट के भीतर रिंग के अंदर लौटने में विफल रहता है।
  • जब किसी बॉक्सर को किसी फाउल या किसी अन्य कारण से अयोग्य घोषित किया जाता है।
  • एक मुक्केबाज को नीचे गिरा दिया जाता है और 10 की गिनती के भीतर उठने में विफल रहता है।

कुछ महान खिलाड़ी– मैरी कॉम मणिपुर की रहने वाली बॉक्सिंग के छेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है। नई दिल्ली में आयोजित 10 वीं एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 24 नवंबर, 2018 को उन्होंने 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास बनाया। इसके आलावा Joe Louis, Muhammad Ali, Sugar Ray Robinson, Jack Johnson महान खिलाडी हैं।

बैडमिंटन

भारत में बैडमिंटन को लोक प्र्यियता बनाने का श्रेय साईना नेहवाल और पीवी सिन्धु को जाता है चलिए साईना नेहवाल के बारे में कुछ जानकारी लेते है।

 वह BWF प्रतियोगिता में जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वर्तमान में वह शीर्ष महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और वर्तमान में भारतीय बैडमिंटन लिग में अवध वॉरियर्स की तरफ़ से खेलती हैं।

साइना भारत सरकार द्वारा पद्मा श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्ना पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं।  पीवी सिन्धु टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में चीन की ही बिंगजियाओ (China’s He Bingjiao) को 21- 13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। इस कांस्य पदक के साथ, पीवी सिंधु अब ओलंपिक इवेंट में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट बन गई हैं।

बैडमिंटन कोर्ट के बारे में जानकारी

बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के अनुसार ही रखा जाता है, बैडमिंटन के कोर्ट की लम्बाई को 13.40 मीटर (44 ft) (सिंगल्स और डबल्स) का बनाया जाता है। वहीं कोर्ट की चौड़ाई को सिंगल्स के लिए 5.18 मीटर (17 ft) और डबल्स के लिए 6.1 मीरट (20 ft) रखा गया है। इसे साइड लाइन के हिसाब आंका जाता है।

एक कोर्ट दो भागों में बँटा होता है, जिसकी लंबाई 6.7 मीटर (22 फ़िट) होती है और उसके बीच में एक नेट होती है जो 1.55 मीटर (5 फ़िट 1 इन्च) ऊँची होती है। बीच में ये थोड़ी सी कम यानी 1.52 मीटर (5 फ़िट) की होती है। 

दोनों ही भागों में दो दो सर्विस एरिया दिया जाता है यानी एक कोर्ट में कुल 4 सर्विस एरिया होते हैं। सर्विस एरिया 3.96 मीटर (13 ft) लंबा और 2.59 मीटर (8.5 ft) चौड़ा होता है।

बैडमिंटन के खेल में सर्विस के भी कुछ नियम होते हैं जो कि सर्विस लाइन और शॉर्ट सर्विस लाइन के अंतर्गत बनाए गए हैं। ग़ौरतलब है कि शॉर्ट सर्विस लाइन नेट से 1.98 मीटर (6.5 ft) की दूरी पर होती है और लॉन्ग सर्विस लाइन को नेट से 0.7 मीटर (2.5ft) पर बनाया जाता है।

बैडमिंटन खेल के नियम

  1. बैडमिंटन के इस खेल में रैकेट की मदद से दो व्यक्तिओं के बीच शटलकॉक का आदान-प्रदान किया जाता है, जिसमें दो विरोधी या चार विरोधी होते है।
  2. वहीं यदि खेलते समय दोनों में से किसी के द्वारा शटलकॉक को डिलीवर करने में चूक हो जाती है, तो तुरंत ही सामने वाले खिलाड़ी को अंक प्रदान कर दिए जाते है।
  3. एक मैच को तीन भागों में विभाजित किया जाता है, जिसमें प्रत्येक मैच कुल 21 अंकों का होता है | मतलब यह पूरा खेल तीन राउंड में खेला जाता है | यदि दोनों टीमों को 20 -20 अंक प्राप्त होते है, तो यह खेल तब तक खेला जाता  है, जब तक किसी एक टीम को दूसरी टीम से अधिक अंक प्राप्त नहीं होते है और जिस टीम को अधिक अंक प्राप्त हो जाते है , तो उस टीम को इस खेल का विजेता घोषित कर दिया जाता है।
  4. वैसे तो यह खेल 29 प्वॉइंट तक  खेला जा सकता है, अंत में 29 प्वॉइंट के बाद गोल्डन प्वॉइंट होता है, जिसे प्राप्त करने वाला खिलाड़ी विजेता घोषित कर दिया जाता है।

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