Viram Chinh in Hindi – हिंदी भाषा में विराम चिन्हों का बहुत अधिक महत्व है। यदि लिखते समय Viram Chinh का प्रयोग न किया जाये तो कभी-कभी अर्थ का अनर्थ हो जाता है। स्कूल स्तर और अन्य शासकीय परीक्षाओं में अक्सर विराम चिन्ह से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है। तो आइये जानते है विराम चिन्ह (Viram Chinh in Hindi) के प्रकार, प्रयोग और नियमों के बारे मे।
Viram Chinh in Hindi – परिभाषा
विराम का अर्थ होता है “रुकना” या ठहराव। जिस तरह काम करते-करते थक जाने पर हमें विराम की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार भाषा के प्रयोग में भी विराम की आवश्यकता होती है। लिखित भाषा में प्रयोग किए जाने वाले लिखित चिन्हों को विराम चिन्ह (Viram Chinh in Hindi) कहते है। वक्ता के भाव बोध को सुबोध और सरल बनाने के लिए विराम चिह्नों (Viram Chinh) की आवश्यकता होती है।
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Viram Chinh Ke Prakar – प्रकार
हिंदी भाषा में Viram Chinh ke Prakar मुख्यतः 16 हैं, जो वाक्य के अलग-अलग स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं। विराम चिह्न (Viram Chinh in Hindi) के निम्नलिखित 16 प्रकार हैं:
विराम चिन्ह प्रकार | चिन्ह |
---|---|
पूर्ण विराम (Full stop) | । |
अर्द्ध विराम (Semi colon) | ; |
अल्प विराम (Comma) | , |
प्रश्नवाचक चिन्ह (Question mark) | ? |
उप विराम (Colon) | : |
योजक चिन्ह (Hyphen) | – |
अवतरण चिन्ह (Inverted comma) | “ ” |
कोष्ठक चिन्ह (Bracket) | () |
विस्मयबोधक चिह्न (Exclamation) | ! |
निर्देशक चिह्न (Dash) | — |
लाघव चिन्ह (Abbreviation sign) | ० |
विवरण चिन्ह (Following) | :- |
हंसपद या त्रुटिपूरक (Oblivion sign) | ^ |
रेखांकन चिह्न (Underline) | _ |
लोप चिह्न | … |
Full Stop – पूर्ण विराम (।)
जिस प्रकार हम लोग बोलते समय वाक्य के ख़त्म होने पर विराम लेते है, ठीक उसी प्रकार लिखते समय भी वाक्य के ख़त्म होने के पर पूर्ण विराम (Full stop) का प्रयोग किया जाता हैं। पूर्ण विराम का प्रयोग विस्मयवाचक और प्रश्नवाचक वाक्यों को छोड़ कर हर जगह किया जाता है।
1. वार्षिक परीक्षा ख़त्म हो गयी है।
2. राम एक अच्छा लड़का है।
3. मैंने खाना खा लिया।
4. वह कक्षा 10 वीं में पढ़ता है।
5.
Comma – अल्प विराम (,)
अल्प विराम का अर्थ होता है थोड़ी देर के लिए रुकना या ठहरना। वाक्य में जब दो से अधिक समान पदों या वाक्यों का संयोजन हो तब अल्प विराम का प्रयोग होता है। कभी-कभी “और” से जुड़े हुए दो वाक्यों में “और” से पहले भी अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है। शब्दों की आवृत्ति होने पर भी दोनों शब्दों के बीच इसका प्रयोग किया जाता है।
1. किसी वाक्य में दो या दो से ज़्यादा समान पद वाले शब्दों में।
जैसे : भाग, भाग शेर आया।
2. हाँ/नहीं के बाद।
जैसे :
(i). नहीं, मैं नहीं चल सकता हूँ।
(ii). हाँ, तुम जाओ मै आता हूँ।
3. उपाधियों के अलगाव के लिए
जैसे : बी.ए, एम.ए, पी.एच. डी
4. अंको को लिखते समय।
जैसे : 4, 5, 8, 9, 15, 3 आदि
5. तारीख और महीने का नाम लिखने के बाद।
जैसे- 15 अगस्त, 1947 को भारत देश आजाद हुआ।
Semi Colon – अर्द्ध विराम (;)
जहाँ पूर्ण विराम की अपेक्षा कम देर और अल्प विराम की अपेक्षा अधिक देर तक रुकना हो, वहां पर अर्द्ध विराम (Semi colon) का प्रयोग किया जाता है।
1. सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए।
2. मेहमान आ गए हैं; वह शीघ्र ही चले जाएंगे।
3. मोहन तो अच्छा लड़का है; पर उसकी संगत कुछ ठीक नहीं है।
Question Mark – प्रश्नवाचक चिन्ह (?)
प्रश्नवाचक चिह्न (Question mark) का प्रयोग वहाँ पर होता है जहाँ किसी प्रश्न के पूछें जाने का बोध हो।
1. वाक्य में प्रश्नवाचक शब्द कब, कैसे, कहाँ, क्या और क्यों आदि के साथ।
जैसे :
(i). तुम स्कूल कब जाओगे ?
(ii). तुम्हे कैसे पता चला ?
(iii). मोहन का घर कहाँ पर है ?
(iv). तुम्हारा क्या नाम है ?
(v). तुम यहाँ क्यों आये हो ?
Colon – उप विराम (:)
जहाँ पर वाक्य पूरा नहीं होता परन्तु किसी विषय या वस्तु के बारे में बताया जाता है वहाँ पर उप विराम (Colon) का प्रयोग होता है।
जैसे : राम खाना खाता है।
माँ : ममता की प्रतिमूर्ति।
Hyphen – योजक चिन्ह (-)
योजक चिन्ह (Hyphen) का प्रयोग सर्वाधिक तब होता है जब एक ही शब्द को दो बार साथ में लिखा जाता है। यह दो शब्दों में परस्पर संबंध स्पष्ट करने के लिए तथा उन्हें जोड़कर लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है।
1. तत्पुरुष और द्वंद समास के दोनों पदों के बीच
जैसे : माता-पिता
2. तुलना सूचक सा/सी/से के पहले
जैसे : तुम-सा, मीरा-सी भक्त
(1). ज्यों-त्यों
(2). भाई-भाई
(3). बार-बार
(4). भीड़ -भाड़
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Inverted Comma – अवतरण चिन्ह (” “)
किसी वाक्य के खास शब्द पर जोर देने या किसी महान पुरुष द्वारा कही गई बात को उद्धरण करने के लिए अवतरण चिह्न (Inverted comma) का प्रयोग किया जाता है।
1. महावीर ने कहा, “अहिंसा परमो धर्म“।
2. गाँधी ने कहा, “हमेशा सत्य बोलो “।
Bracket – कोष्ठक चिन्ह {()}
वाक्य के बीच में कभी-कभी कुछ जटिल शब्द आ जाते हैं तो वे शब्दों अथवा पदों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक (Bracket) का प्रयोग किया जाता है अर्थात कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है।
1. दशहरे के अवसर पर रावण (दशानन) का वध होता है।
2. लता मंगेशकर भारत की कोकिला (मीठा गाने वाली ) है।
Exclamation Mark – विस्मयबोधक चिह्न (!)
विस्मयबोधक चिह्न का प्रयोग हर्ष, विस्मय, उल्लास, विषाद, घृणा, आश्चर्य, भय, करुणा इत्यादि के भाव को प्रकट करने के लिए किया जाता है। अर्थात विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग अव्यय शब्द से पहले किया जाता है।
1. हे राम ! यह क्या हो गया।
2. छी:छी ! यह कितना गन्दा है।
3. आह ! कितना सुहावना मौसम है।
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Dash Mark – निर्देशक चिह्न ( — )
निर्देशक चिह्न (Dash mark) भी बड़ी लकीर की तरह होता है लेकिन इसका आकार योजक चिन्ह (Hyphen) से बड़ा होता है।
किसी व्यक्ति के द्वारा कहे गए कथन को अधिकृत करने से पहले
जैसे: गाँधी जी ने कहाँ – “सत्य अहिंसा से ही हम देश को आज़ाद करा सकते है।”
Abbreviation Sign – लाघव चिन्ह (०)
किसी प्रसिद्ध या बड़ी चीज को संक्षेप में कहने के लिए उसका पहला अक्षर लिखकर लाघव चिह्न लगा दिया जाता है। दुसरे शब्दों में – लाघव चिन्ह का प्रयोग किसी बड़े अंश को संक्षिप्त रूप में लिखने के लिए किया जाता है।
1. डॉक्टर के लिए – डॉ०
2. छत्तीसगढ़ के लिए – छ० ग०
3. उत्तर प्रदेश के लिए – उ० प्र०
Following Sign – विवरण चिन्ह (:-)
सामान्यतः विवरण चिह्न (Following sign) का प्रयोग निर्देशक चिह्न की भाँति ही होता है। विशेष रूप से जब किसी विवरण को प्रारम्भ करना होता है अथवा किसी कथन को विस्तार देना होता है तब विवरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
1. हिमालय से कई नदियाँ निकलती है जिसमे से मुख्य है :- गंगा नदी
2. जयशंकर प्रसाद ने कहा है:- ‘जीवन विश्व की सम्पत्ति है।’
Oblivion Sign – हंसपद या त्रुटिपूरक (^)
इसे त्रुटिपूरक भी कहा जाता है। अक्षर, पद, पद्यांश या वाक्य के छूट जाने पर छूटे अंश को उस वाक्य के ऊपर लिखने हेतु वाक्य के अंश के नीचे त्रुटि चिह्न (Oblivion sign) का प्रयोग किया जाता है।
राम ^ गया है – राम चला गया है।
Underline – रेखांकन चिह्न (_)
किसी लेख में कोई महत्वपूर्ण शब्द या पद को दर्शाने के लिए रेखांकन चिह्न (Underline) का प्रयोग किया जाता है।
हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ।
लोप चिह्न (….)
जब किसी बात को पूरा न कहकर बीच की बात का लोप करना हो तब वहां पर लोप चिह्न का प्रयोग किया जाता है। वाक्य के प्रारंभ के कुछ शब्द लिखकर लोप चिह्न लगाया जाता है उसके बाद लेख के कुछ अंतिम शब्द लिख दिए जाते हैं।
रहिमन पानी राखिये …… मानुस चून।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,, ,,)
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (Viram Chinh in Hindi) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य को दोबारा ना लिखने के लिए किया जाता है।
व्यक्ति का नाम | स्थान |
---|---|
मोहन | छत्तीसगढ़ |
सोहन | ,, ,, |
दिलीप | दिल्ली |
अधिक पूछे जाने वाले सवाल
विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते हैं ?
हिंदी में विराम चिन्हों की संख्या 16 से अधिक है। यहाँ पर हमने मुख्य 16 प्रकार के विराम चिन्हों के बारे में बताया है जो सर्वाधिक उपयोग में लाये जाते हैं।
विराम का क्या अर्थ है ?
विराम का अर्थ है ठहराव या रुकना। इन विराम चिन्हों का प्रयोग वाक्य के मध्य या अंत में किया जाता है।
विराम चिन्ह कब लगाया जाता है?
वाक्य लिखते समय रुकने के लिए लगाये जाने वाले चिन्ह को ही विराम चिन्ह कहते हैं।
- आखिरी अपडेट: 6 मिनट पहले
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