विशेषण की परिभाषा (Visheshan Ki Paribhasha), भेद, और उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक इस लेख में अध्ययन करेंगे। विशेषण व्याकरण का एक अभिन्न अंग है। संज्ञा और सर्वनाम के बाद विशेषण का अध्ययन व्याकरण में किया जाता है क्योंकि संज्ञा के अंतर्गत नाम की प्रधानता होती है।
नाम के अतिरिक्त जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें सर्वनाम के अंतर्गत रखा जाता है। तथा इन दोनों की विशेषता को बताने वाले शब्दों को हम विशेषण के अंतर्गत अध्ययन करते हैं।
विशेषण की परिभाषा (Visheshan Ki Paribhasha)
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
- यह फूल खुशबूदार है।
- गांव में तीन झोपड़ियां है।
- मुंशी प्रेमचंद विद्वान थे।
इनमे खुशबूदार, तीन और विद्वान शब्द विशेषण है जो विशेष्य की विशेषता बतलाते हैं।
विशेषण के भेद (Visheshan Ke Bhed)
व्याकरण की दृष्टि से विशेषण के प्रमुख पाँच भेद हैं। यह सभी वाक्यों में विभिन्न प्रकार के विशेषण के रूप में प्रयोग होते हैं।
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण (Visheshan Ki Paribhasha)
किसी प्राणी या वस्तु के गुण-दोष, अवस्था, रंग, विशेषता, आकार-प्रकार आदि को बताने वाले विशेषण गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
- दुर्जन लोग दुर्बल होते हैं।
- यह घोड़ा कितना काला है।
- लाल रंग के गुड़हल कितने सुंदर हैं।
- मनोज लंबा है।
- भीड़ में भारतीय लोग दूर से पहचाने जाते हैं।
- कर्ण दानवीर था।
- सलीम कड़वा वचन बोलता है।
- रहीम का शरीर पतला है।
- अर्जुन वीर योद्धा था।
- मोहन मीठे आम खाता है।
- चाइनीज लोग बचत करना जानते हैं।
- यह इमारत कितनी ऊंची है।
उपर गुणवाचक विशेषण के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, निचे दिए गए शब्दों से आप गुणवाचक विशेषण की पहचान कर सकते हैं।
- गुण – सुंदर, सुशील, अच्छा, शांत, वीर, कुशल, विद्वान आदि।
- दिशा – उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम।
- स्थान – चाइनीज, भारतीय, अमेरिकन, रशियन, जापानी आदि।
- आकार – चौड़ा, मोटा, दुबला, पतला, गोला, लंबा, त्रिकोण आदि।
- स्वाद – खट्टा, मीठा, कड़वा, विषैला, तीखा आदि।
- दोष – दुर्बल, बुरा, कायर, दुष्ट, अभिमानी आदि।
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2. संख्यावाचक विशेषण (Visheshan Ki Paribhasha)
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
- मेरे घर में दो स्कूटर एक कार है।
- मेरे पास बहुत सारी किताबें हैं।
- राम के पास ₹100 है।
- मेरा विद्यालय चौराहे के बाएं तरफ है।
- साइकिल में दो पहिए होते हैं।
- मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूं।
- मेरे पास एक मोबाइल और लैपटॉप है।
- हर आदमी के पास दो आंख होती है।
- राजू के छः भाई और चार बहन है।
- कैमरे को तीसरी आंख माना जाता है।
- मोहन का घर दो किलोमीटर दूर है।
उपर्युक्त उदाहरण मे हर एक वाक्य में निश्चित संख्या का आभास हो रहा है। कुछ वाक्य निश्चित संख्या नहीं बता पा रहे हैं। अर्थात दो या दो से अधिक की गणना का आभाष हो रहा है।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
1. निश्चित संख्यावाचक – जिन शब्दों से निश्चित संख्या का आभास होता है वह निश्चित संख्यावाचक कहे जाते हैं। निश्चित संख्यावाचक के अंतर्गत संख्या का स्पष्टीकरण होता है।
जैसे – तीसरी, पहली, चौथी, पांचवी, दूसरी, हजार, दस विद्यार्थी खड़े हैं, वह तीसरी में पढ़ता है आदि।
2. अनिश्चित संख्यावाचक – जिन शब्दों से निश्चित संख्या का आभास नहीं होता वहां अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण होता है।
जैसे – बहुत, थोड़ा, अधिक, सब, कुछ आदि।
3. परिमाणवाचक विशेषण (Visheshan Ki Paribhasha)
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं
- गाय रोजाना 5 लीटर दूध देती है।
- मेरे पास 100 गज का प्लॉट है।
- गांधी जी ने हजारों मिल यात्रा की।
- यह पेड़ 6 मीटर लंबा है।
- एक किलोग्राम घी महीने में खर्च होता है।
- भिखारी का एक मुट्ठी चावल से भी काम चल जाता है।
- मोहन 40 किलो का है।
- चावल की बोरी 35 किलो की होती है।
- धान की फसल के लिए 5 बीघा पर्याप्त है।
नाप – मीटर, किलोमीटर, बीघा, मील, गज, फुट आदि।
तोल – किलो, ग्राम, लीटर, क्विन्टल आदि
परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद हैं
1. निश्चित परिमाणवाचक – जिन शब्दों से किसी संज्ञा शब्द के निश्चित परिमाण का ज्ञात होता हो वहां निश्चित परिमाणवाचक विशेषण होता है।
- 2 गज जमीन
- 5 फुट लंबा सांप
2. अनिश्चित परिमाणवाचक – जिस विशेषण शब्द से किसी वस्तु या पदार्थ की निश्चित मात्रा का बोध ना हो वहां अनिश्चित परिमाणवाचक होता है
- कुछ गज की दूरी।
- कुछ मुट्ठी चावल।
- थोड़ा सा जल आदि।
4. सार्वनामिक विशेषण / संकेतवाचक विशेषण
ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा से पहले लगकर उस संज्ञा शब्द की विशेषण की तरह विशेषता बताते हैं, वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
- वह लड़का पढ़ने में अच्छा है।
- यह पुष्प कितना सुन्दर है।
- वह रोज मजदूरी करता है।
- यह घर रमेश का है।
उपर्युक्त वाक्यों के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि यह निश्चित किसी संज्ञा शब्द की ओर संकेत कर रहा है, अर्थात यह संकेतवाचक विशेषण है।
5. व्यक्तिवाचक विशेषण (Visheshan Ki Paribhasha)
जो शब्द असल में व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं, वे शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।
- वह राम ही है, जो कल वहां खड़ा था।
- मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।
- बनारसी साड़ी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।
विशेषण के उदाहरण
उदहारण | विशेषता |
दूध गर्म है | गर्म |
कोलकाता शहर में ट्रंप बस सेवा जारी है | ट्रंप बस |
संसद भवन पाश्चात्य शैली पर आधारित है | पाश्चात्य शैली |
बाद में पीले फूल खिले हैं | पीले |
तालाब में सुनहरी रंग की मछली है | सुनहरी |
निश्चयवाचक तथा सार्वनामिक सर्वनाम में अंतर
निश्चयवाचक | सार्वनामिक |
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यह पुस्तक उसकी है | यह पुस्तक किसकी है |
यह उसकी की गाड़ी है | यह गाड़ी मेरी है |
वह घर उसका है | वह घर मेरा है |
यह तुम्हारी पेंसिल है | यह मेरी पेंसिल है |
वह कितना सुंदर उपवन है | वह उपवन सरकारी है |
निश्चय वाचक सर्वनाम | सार्वनामिक |
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अनिश्चित संख्यावाचक और अनिश्चित परिणामवाचक में अंतर
अनिश्चित संख्यावाचक | अनिश्चित परिणामवाचक |
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अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण | अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण |
बहुत सी चिडया उड़ रही है | बहुत सारा पानी पी लिया |
थोड़ा काजू खाओ | थोड़ा दूध पी लो |
कम विद्यार्थी विद्यालय में हैं | कम नींद आई |
सारे पैसे मेरे पास है | सारा काम खुद ही कर लिया |
कुछ पैसे मेरे पास है और कुछ रमेश पास | कुछ आटा गुन्दा है कुछ बाकी है |